राज्य कर्मचारियों की पिछले दिनों से चली आ रही हड़ताल उत्तर प्रदेश शासन की संवेदनहीनता को प्रदर्शित करती है। प्रदेश सरकार कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारियों से बातचीत करके उनकी लम्बित मांगों को अविलम्ब मानकर इस हड़ताल का समाधान निकालें।
कर्मचारी संगठनों की मांग उत्तर प्रदेश शासन के आश्वासन के अनुरूप ही है। बातचीत से समाधान निकालने के बजाय प्रदेश सरकार जिस प्रकार से हठधर्मिता एवं तानाशाही रवैया अपना रही है, उसी के कारण प्रदेश के 12 लाख कर्मचारी हड़ताल पर जाने को मजबूर हुये हैं। उत्तर प्रदेश सरकार को यह समझना चाहिये कि हवाई उड़ान से प्रदेश का विकास नही हो सकता। 12 लाख कर्मचारी जमीन से जुड़े है। वे प्रदेश के विकास के लिये प्रतिबद्ध हैं। उनके साथ बातचीत कर उनकी जायज मांगों को अगर समय रहते प्रदेश सरकार ने मान लिया होता तो यह नौबत ही नही आती। इससे पहले की यह आन्दोलन बृहद स्तर पर फैले और आमजन का जीना दुभर हो, उससे पहले ही राज्य सरकार कर्मचारियों की मांगे मानकर अविलम्ब इस समस्या का समाधान निकालें।
कर्मचारी संगठनों की मांग उत्तर प्रदेश शासन के आश्वासन के अनुरूप ही है। बातचीत से समाधान निकालने के बजाय प्रदेश सरकार जिस प्रकार से हठधर्मिता एवं तानाशाही रवैया अपना रही है, उसी के कारण प्रदेश के 12 लाख कर्मचारी हड़ताल पर जाने को मजबूर हुये हैं। उत्तर प्रदेश सरकार को यह समझना चाहिये कि हवाई उड़ान से प्रदेश का विकास नही हो सकता। 12 लाख कर्मचारी जमीन से जुड़े है। वे प्रदेश के विकास के लिये प्रतिबद्ध हैं। उनके साथ बातचीत कर उनकी जायज मांगों को अगर समय रहते प्रदेश सरकार ने मान लिया होता तो यह नौबत ही नही आती। इससे पहले की यह आन्दोलन बृहद स्तर पर फैले और आमजन का जीना दुभर हो, उससे पहले ही राज्य सरकार कर्मचारियों की मांगे मानकर अविलम्ब इस समस्या का समाधान निकालें।